Sunday, 24 May 2015

Gaand maarne ke tarike...kuch aasan tips...for tops to keep in mind...

अगर आप सचमुच में गाण्ड मारना चाहते हो और आप चाहते हो कि लड़क को भी उतना ही मज़ा आए जितना आपको आता है और वो बार बार आपसे गाण्ड मरवाने की चाहत रखे तो आपको मैं सही विधि बताता हूँ। ध्यान से पढ़िए आपकी मनोकामना पूरी होगी.
आप लड़के की गाण्ड मारना चाहते हैं तो 

ज़रूरी बातें :

गाण्ड मारने से पहले कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा। अगर इन बातों का ध्यान रखा गया तो लड़क को भी उतना ही मज़ा आएगा जितना आपको और वो आपसे बार बार गाण्ड मरवाने की कोशिश करेग। अगर इन ज़रूरी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया तो हो सकता है आप गाण्ड कभी मार ही नहीं पाएँगे !

लड़क की मंज़ूरी

सबसे पहले यह बहुत ज़रूरी है कि लड़क गाण्ड मरवाने के लिए राज़ी हो। इसके लिए आपको उसे यह भरोसा दिलाना होगा कि आप ज़बरदस्ती नहीं करेंगे और अगर किसी भी वक़्त वो मना करती है तो आप रुक जएँगे। लड़की को ज़्यादा दर्द नहीं होना चाहिए। दर्द को कम करने का तरीक़ा इस विधि में आगे बताया गया है।

गाण्ड की बनावट

भगवान ने गाण्ड को संभोग के लिया नहीं बनाया इसलिए इसकी बनावट, पोज़िशन और प्रक्रिया ऐसी है कि आदमी का लिंग आसानी से उस में प्रवेश नहीं कर सकता (जैसा की चूत में कर सकता है)। इसके लिए आप को गाण्ड की बनावट के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

गाण्ड का काम शरीर से मल बाहर निकलना है। इसके मुँह की तरफ दो छल्लेदार मांसपेशियाँ (रिंग मसल्स) होते हैं जो कि अपनी इच्छा से खोले या बंद किए जा सकते हैं। एक छल्ला बिल्कुल मुँह पर होता है और दूसरा करीब पौन इंच अंदर की तरफ होता है। इन मांसपेशियों को आप अपनी गाण्ड में महसूस कर सकते हैं। अपनी बीच की उंगली पर तेल या क्रीम लगा कर अपनी गाण्ड में डालने की कोशिश करें। जो बाहर की मांसपेशी है वो अपने आप सिमट कर सिकुड़ जाएगी क्योंकि उसका काम है बाहर की चीज़ को अंदर जाने से रोकना ! अपने आप को थोड़ा रिलॅक्स करो और गाण्ड की मांसपेशी को ढीला करो तो आपकी उंगली थोड़ा अंदर चली जाएगी। अब आप दूसरी मांसपेशी को महसूस कर सकेंगे जो कि आपकी उंगली को और अंदर नहीं जाने देगी। इस मांसपेशी को भी आप ढीला कर सकते हैं और थोड़ी कोशिश के बाद आपकी उंगली इसके भी पार हो जाएगी। जब दूसरी मांसपेशी पार कर ली तो फिर कोई और रुकावट नहीं होगी और आपकी उंगली आसानी से अंदर जा सकती है।

गाण्ड की ये मान्सपेशियाँ काफ़ी मज़बूत होती हैं और इनको आसानी से पार नहीं किया जा सकता। ख़ास तौर से अगर लड़क की मर्ज़ी ना हो तो। दूसरी बात यह भी है कि उंगली के मुक़ाबले में लंड का घेरा (साइज़) ज़्यादा होता है, इस कारण भी गाण्ड के अंदर डालना मुश्किल होता है।

गाण्ड की एक ख़ासियत है कि चूत की तरह इसमें कोई तरल (लिक्विड) चीज़ का प्रवाह नहीं होता। जब लड़क सेक्स की लिए उत्सुक होती है गाण्ड में कोई प्राकृतिक चिकनाहट नहीं होती इसलिए वो हमेशा सूखी सी रहती है। ऐसी हालत में लंड के प्रवेश से ना केवल लड़क को दर्द होगा बल्कि पुरुष को भी मज़ा नहीं आएगा। कुछ देर के बाद लंड में भी दर्द हो सकता है तो चुदाई का मज़ा किरकिरा हो सकता है।

गाण्ड की इन मांसपेशियों के इर्द गिर्द बहुत सी चेतना-नसें(नर्व-एंडिंग्स) होती हैं जिनमें रक्त संचार होता है। इस कारण गाण्ड मरवाने के दौरान लड़क को भी बहुत मज़ा आता है, शर्त यह है कि उसे दर्द ना हो।

गाण्ड ठीक से ना मारी जाए तो लड़क को बहुत दर्द होता है।

गाण्ड की बनावट से यह साफ हो गया है कि:

1) गाण्ड में कोई बाहर की चीज़ आसानी से अंदर नहीं जा सकती।


2) गाण्ड के अंदर कुछ भी डालने के लिए गाण्ड की मांसपेशियाँ को ढीला करना ज़रूरी है।


3) गाण्ड की मांसपेशियों को लड़क अपनी मर्ज़ी से ढीली या टाइट कर सकती है।


4) गाण्ड को बाहरी चिकनाहट की ज़रूरत होती है।


5) गाण्ड में नर्व एंडिंग्स होती हैं जिससे लड़की को गाण्ड मरवाने मैं मज़ा आता है। (यही कारण है कि दुनिया में इतने पुरुष समलिंगी होते हैं और खुशी खुशी गाण्ड मरवाते हैं)

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